समुद्रगर्भा थी तू, मां। समुद्रगर्भा थी तू, मां।
नारी जीवन न सिर्फ कठिन और जटिल है बल्क़ि एक अद्भुत अनुभूति एवं अनुभव है। नारी जीवन न सिर्फ कठिन और जटिल है बल्क़ि एक अद्भुत अनुभूति एवं अनुभव है।
शब्द हल खेत कुदाल बन जाते हैं, स्याही के जज्बात इंसान बन जाते हैं। शब्द हल खेत कुदाल बन जाते हैं, स्याही के जज्बात इंसान बन जाते हैं।
दूसरे प्राणियों की रक्षा के लिए अपने क्षण भंगुर प्राणों को उनके लिए बलि दे देते हैं दूसरे प्राणियों की रक्षा के लिए अपने क्षण भंगुर प्राणों को उनके लिए बलि ...
दिल के अंतस से उपजी एक कविता..... दिल के अंतस से उपजी एक कविता.....
मैं नदी हूँ तुम्हारी माँ जैसी हूँ सब कुछ सह चुप रहती हूँ। मैं नदी हूँ तुम्हारी माँ जैसी हूँ सब कुछ सह चुप रहती हूँ।